नई दिल्ली: राजधानी में मानसून दस्तक देने ही वाला है, और इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी 11 जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) को निर्देश दिया है कि वे तुरंत उन 71 जलभराव स्थलों की मरम्मत कराएं, जहां कई एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी है।
लोक निर्माण विभाग (PWD) के हालिया नोट के अनुसार, इन 71 स्थानों पर या तो PWD की जिम्मेदारी नहीं है या फिर एमसीडी (MCD), जल संसाधन और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), एनडीएमसी (NDMC) और अन्य एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी है, जिसके कारण समस्या बनी हुई है।
2025 में अब तक 410 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई है, जो कि 2023 में दर्ज 308 बिंदुओं से ज्यादा हैं। इनमें से 335 स्थानों की जिम्मेदारी PWD के पास है, जबकि बाकी 71 को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है। इसी के चलते सरकार ने अब डीएम को जिम्मेदारी दी है कि वे सभी संबंधित एजेंसियों को साथ लेकर समाधान निकालें।
PWD के आदेश में कहा गया है, “आपसे अनुरोध है कि तुरंत इन स्थानों का निरीक्षण करें और संबंधित एजेंसियों के इंजीनियरों के साथ मिलकर मौके पर ही निर्णय लें। संबंधित एजेंसी की जिम्मेदारी तय करें और सुधार कार्य की समय-सीमा निर्धारित करें।”
आदेश में कहा गया है कि 2-3 दिनों में सभी बाधाएं दूर की जाएं और 7-10 दिनों के भीतर एजेंसियां काम पूरा करें। डीएम को अगले तीन दिन में नवीन चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (PWD), को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
इससे पहले मई में, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निर्देश दिया था कि दिल्ली में जलभराव को अब सामान्य बात नहीं माना जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को ड्रेनेज निर्माण, सिल्ट हटाने और पंपिंग सिस्टम को स्वचालित करने जैसे उपाय करने को कहा था।
दिल्ली के कुछ प्रमुख जलभराव स्थलों जैसे मिंटो ब्रिज, आजादपुर और आईटीओ में हर साल बारिश के दौरान यातायात ठप हो जाता है। अब सरकार का मानना है कि इन समस्याओं का समाधान तत्परता और जवाबदेही से किया जाना चाहिए।
यह कार्रवाई दिल्ली सरकार की मानसून से पहले जलभराव की चुनौती से निपटने की दिशा में गंभीरता और तत्परता को दर्शाती है।