Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने फिंगरप्रिंट ब्यूरो और बम निष्क्रियता दस्ते के लिए आधिकारिक प्रतीक चिह्न किए लॉन्च, फॉरेंसिक और सुरक्षा इकाइयों की भूमिका को मान्यता

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को अपने दो प्रमुख विशेषज्ञ विभागों — फिंगरप्रिंट ब्यूरो (एफपीबी) और बम निष्क्रियता दस्ता (बीडीएस) — के लिए आधिकारिक प्रतीक चिह्न (इंसिग्निया) लॉन्च किए। यह समारोह पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

अब ये प्रतीक चिह्न एफपीबी और बीडीएस के अधिकारियों की जैकेट, आधिकारिक दस्तावेजों और उपकरणों पर दिखाई देंगे, जो उनकी पहचान और राजधानी में अपराध जांच व सार्वजनिक सुरक्षा में निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं।

फिंगरप्रिंट ब्यूरो: फॉरेंसिक जांच का तकनीकी आधार
1983 में स्थापित एफपीबी, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के तहत कार्यरत एक विशेष फॉरेंसिक इकाई है जो अपराध स्थलों से प्राप्त फिंगरप्रिंट की जांच कर अपराधियों की पहचान में मदद करती है। वर्तमान में इसके पास पांच लाख से अधिक अपराधियों की फिंगरप्रिंट डेटा बेस मौजूद है।

यह ब्यूरो ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AFPIS), नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) और क्राइम रिकॉर्ड इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर अपराधियों की पहचान करता है।

2022 में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा NAFIS के राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किए जाने के बाद, एफपीबी ने कई अपराधियों को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई है।

बम निष्क्रियता दस्ता: दिल्ली की सुरक्षा का अग्रदूत
2002 में स्थापित बीडीएस राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है। यह इकाई संदिग्ध वस्तुओं की पहचान, बम की जांच और उन्हें निष्क्रिय करने का कार्य करती है। बीडीएस की टीमें दिल्ली के बाजारों, मॉल और वीवीआईपी इलाकों में तैनात रहती हैं।

बीडीएस अत्याधुनिक उपकरणों जैसे वेपर डिटेक्टर, मेटल डिटेक्टर और डॉग स्क्वॉड के स्निफर डॉग्स का उपयोग करती है। ये टीमें एनएसजी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस अकादमी के साथ संयुक्त प्रशिक्षण में भी भाग लेती हैं ताकि आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से निपटने के नवीनतम तरीकों से अपडेट रहें।

विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि इन प्रतीक चिह्नों के माध्यम से एफपीबी और बीडीएस की तकनीकी दक्षता और समर्पण को मान्यता दी गई है।

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