नई दिल्ली: दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी की झुग्गी बस्तियों के पुनर्विकास के लिए मुंबई के धारावी मॉडल को अपनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
झुग्गी बस्तियों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार पर नाराज़गी जताते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मकान गिराना सरकार का उद्देश्य नहीं है, बल्कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “अगर आप रेलवे लाइन के पास मकान बनाते हैं, तो मुख्यमंत्री भी आपको नहीं बचा पाएंगे। अगर कोई रेल दुर्घटना में मारा जाता है तो जिम्मेदार कौन होगा?”
गुप्ता ने यह भी कहा कि बार-बार आवास देने के बाद भी अगर लोग झुग्गियों को खाली नहीं करेंगे तो यह व्यवस्था टिकाऊ नहीं हो सकती। “हमारा मकसद किसी को बेघर करना नहीं है, लेकिन लगातार घर देने के बाद भी यदि लोग झुग्गी नहीं छोड़ते तो यह समस्या बनी रहेगी,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में 675 झुग्गी क्लस्टरों के पुनर्विकास के लिए उनकी सरकार धारावी मॉडल का अध्ययन करेगी। मुंबई के बीचोंबीच स्थित धारावी का पुनर्विकास एक विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) के ज़रिए किया जा रहा है, जिसे महाराष्ट्र सरकार और अडानी समूह के बीच एक संयुक्त उपक्रम के तहत स्थापित किया गया है।
दिल्ली सरकार इस परियोजना की वित्तीय योजना, पुनर्वास और स्थानांतरण मॉडल का विश्लेषण कर राजधानी में इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेगी।