नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के आयुक्त संजय अरोड़ा ने 4वें कमिश्नरेट डे परेड में वर्षभर की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए बताया कि पुलिस बल ने बीते एक वर्ष में नशा तस्करी, साइबर अपराध, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध, संगठित अपराध, अवैध प्रवास और सफेदपोश आर्थिक अपराधों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नशा मुक्त भारत अभियान को ध्यान में रखते हुए तथा माननीय उपराज्यपाल की सतत प्रेरणा के तहत दिल्ली पुलिस ने मादक पदार्थों के विरुद्ध आक्रामक अभियान चलाया है।
- 2024 में लगभग ₹9,200 करोड़ मूल्य के 26,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किए गए।
- 2025 के जून माह तक, ₹6 करोड़ मूल्य के 4,900 किलोग्राम ड्रग्स नष्ट किए जा चुके हैं।
- सात अपराधियों पर NDPS कानून के तहत कार्रवाई की गई, जिनकी ₹4.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई।
- संगठित नशा व्यापार के विरुद्ध 6 मामले मकोका के तहत दर्ज हुए।
नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर आयुक्त ने बताया कि सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है, और अब तक 2.5 लाख से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 62,000 चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं।
प्रमुख डिजिटल पहलों में शामिल हैं:
- ₹5,000 से कम मूल्य की चोरीशुदा संपत्ति के लिए eNCR प्रणाली की शुरुआत – अब तक 1,000+ मामले दर्ज।
- ई-साइन सुविधा, जिससे ACB ई-चार्जशीट सीधे अदालत में भेज सकती है।
- Object Storage System लागू करने वाला दिल्ली पुलिस देश का पहला बल बना – अभियोजन के साथ डिजिटल रूप से ड्राफ्ट चार्जशीट साझा की जाती है।
- ई-DAR की शुरुआत 30 अप्रैल से, और ई-Forensic 19 जून से – जिसमें अब तक 23,000 फॉरेंसिक एग्ज़िबिट दर्ज।
- MedLEaPR का CCTNS के साथ एकीकरण – 7,400 से अधिक MLC और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ऑनलाइन प्राप्त।
मानव तस्करी विरोधी इकाई (HTU) ने अनेक गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलाया, और ISO 9001:2015 प्रमाणन प्राप्त किया।
आयुक्त ने गणतंत्र दिवस 2025 में दिल्ली पुलिस के जवानों को ‘सर्फशट मार्जिट टुकड़ी ट्रॉफी’ जीतने पर भी बधाई दी — यह उनकी 17वीं समग्र और लगातार दूसरी जीत थी।
उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि 13 पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए और चार शहीद हो गए। उन्हें ‘आहत वीर’ पदक से नवाजा गया है।
अंत में, आयुक्त अरोड़ा ने उपराज्यपाल महोदय का आभार जताते हुए कहा, “अत्यंत व्यस्त रहते हुए भी उनका दिल्ली पुलिस के प्रत्येक कर्म और आवश्यकता पर स्नेह और ध्यान बना रहता है — इसके लिए हम आभारी हैं।”