नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 14 छात्रों को जर्मनी के प्रतिष्ठित APAL प्रोजेक्ट 2025 के तहत व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए चुना गया है। इस अवसर पर आयोजित एक विशेष सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
यह चयन जर्मनी की संघीय रोजगार एजेंसी (BA) द्वारा शुरू की गई ‘APAL (Ausbildung Programm für Auszubildende in Deutschland)’ पहल के अंतर्गत हुआ है, जिसका उद्देश्य भारत, लैटिन अमेरिका और उज्बेकिस्तान के साथ प्रशिक्षण साझेदारी को मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा,
“सीमित संसाधनों के बावजूद इन बच्चों ने अपने सपनों को उड़ान दी है। यह हमारे सरकार की उस प्रतिबद्धता का परिणाम है, जिसके तहत हम हर बच्चे को गुणवत्ता-युक्त शिक्षा, स्किल ट्रेनिंग और अंतरराष्ट्रीय अवसर उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध हैं।”
उन्होंने इसे ‘नए भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम’ करार दिया और छात्रों को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वे न केवल व्यक्तिगत रूप से सफल होंगे, बल्कि देश का नाम भी रोशन करेंगे।

शिक्षा मंत्री श्री आशीष सूद ने जानकारी दी कि चयनित छात्रों को 3 से 3.5 साल तक जर्मनी में ड्युअल वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके तहत उन्हें उच्च शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
उन्होंने कहा,
“दिल्ली सरकार और जर्मन सरकार के बीच एक मजबूत सहयोग स्थापित हुआ है, जो स्किलिंग और एम्प्लॉयबिलिटी पर केंद्रित है। इससे तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक वैश्विक अवसर खुलेंगे।”
श्री सूद ने यह भी कहा कि यह पहली बार है जब दिल्ली सरकार ने छात्रों को विदेश भेजने की ऐसी पहल की है।
“इन छात्रों को देश के प्रतिनिधि और रोल मॉडल की तरह प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर देश की सेवा में लौट सकें।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की स्किल इंडिया योजना से प्रेरणा लेते हुए, राजधानी के छात्रों को स्किल-बेस्ड शिक्षा से सशक्त बनाने के लिए लगातार काम किया है।
समारोह के अंत में मंत्री ने छात्रों को भारत के “युवा राजदूत” करार देते हुए कहा,
“इन बच्चों की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी। वे जहां भी जाएंगे, भारत का गौरव बढ़ाएंगे।”