नई दिल्ली: सोशल मीडिया के ज़रिए कोडेड मैसेजिंग, डिजिटल नेटवर्किंग और डोरस्टेप डिलीवरी सिस्टम का इस्तेमाल कर चल रहे अवैध हथियार और नकली करेंसी तस्करी रैकेट का दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक पूर्व रेलवे कर्मचारी भी है।
डीसीपी (स्पेशल सेल) अमित कौशिक के अनुसार, यह गिरोह मध्यप्रदेश से अवैध हथियार और बिहार के सिवान से नकली ₹500 नोट मंगवाता था और उन्हें दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में सप्लाई करता था।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 पिस्तौल, 68 जिंदा कारतूस, ₹4.10 लाख की नकली करंसी, और तीन वाहन, जिनमें एक बुलेटप्रूफ SUV शामिल है, बरामद किए।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं:
- रवि ठाकुर (35), मथुरा का ऑटो ड्राइवर,
- योगेश फोगाट (28), हथियारों की फाइनेंसिंग करने वाला,
- मीरा (27), सप्लाई चेन की अहम सदस्य,
- कुलदीप उर्फ छोटू (33), रेलवे का पूर्व कर्मचारी,
- और समसू खान उर्फ रेहान (27), जो गिरोह का मास्टरमाइंड है।
6 जुलाई को रवि को हथियारों के साथ पकड़ा गया था, जिसकी जानकारी के आधार पर योगेश की गिरफ्तारी हुई, और उसके पास से एक और पिस्तौल मिली।
कुलदीप, जिसने 2014 में रेलवे की ग्रुप डी नौकरी जॉइन की थी, लेकिन 2019 में विवाद के बाद फरार हो गया था, उसके पास से एक पिस्तौल और 35 कारतूस मिले। उसने 2022 में एक SUV को बुलेटप्रूफ करवाया और फिर हथियारों की तस्करी शुरू कर दी।
मीरा, जो अपने पति से अलग हो चुकी है, ने समसू खान के संपर्क में आकर तस्करी शुरू की और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और मुंबई तक हथियार पहुंचाए।
मीरा की गिरफ्तारी के अगले दिन समसू खान को फिरोज़ाबाद से पकड़ा गया। उसके घर से 3 पिस्तौल, 28 कारतूस और ₹4.10 लाख नकली करंसी बरामद हुई। वह पश्चिम बंगाल के हुगली से ऑपरेशन चला रहा था और सिवान से नकली नोट मंगवाता था।
पुलिस के अनुसार, गिरोह एनक्रिप्टेड सोशल मीडिया चैट, ड्रेस कोड और कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था ताकि कोई सुराग न मिले। पैसों का लेन-देन भी हवाला सिस्टम के ज़रिए होता था।
फिलहाल पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और पूरे हथियार व नकली नोट सप्लाई चेन का पता लगाने में जुटी है।