नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑपरेशन में ₹100 करोड़ से अधिक मूल्य की अंतरराष्ट्रीय कोकीन तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में शामिल पांच विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है, जो एक एन्क्रिप्टेड डिजिटल सिस्टम और फूड डिलीवरी जैसी लॉजिस्टिक्स व्यवस्था के जरिए दिल्ली में नशीली दवाओं की आपूर्ति कर रहे थे।
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह नाइजीरिया में बैठे कॉलिस्टस उर्फ कैलिस द्वारा संचालित किया जा रहा था, जबकि भारत में संचालन का जिम्मा कैमरून के नागरिक कमेनी फिलिप पर था।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) मंगेश कश्यप ने बताया कि यह गिरोह उच्च गुणवत्ता वाली कोलंबियाई कोकीन को भारतीय महिलाओं के ज़रिए भारत लाता था, जो अपने बैग में इसे छुपाकर सीमा शुल्क से बचती थीं। बाद में भारत में इस कोकीन को अन्य रसायनों के साथ मिलाकर मात्रा को पांच गुना तक बढ़ाया जाता था।
🚨INTERNATIONAL DRUG CARTEL BUSTED BY AGS, CRIME BRANCH, DELHI UNDER THE NASHA MUKTH BHARAT ABHIYAN🚨
— Crime Branch Delhi Police (@CrimeBranchDP) July 25, 2025
💥 NIGERIAN NATIONAL KINGPIN’S INDIA-BASED NARCOTICS NETWORK BUSTED! 💥
🔴 A GLOBAL CRIMINAL NETWORK SMASHED – MASSIVE OPERATION SUCCESS!
🔍 KEY HIGHLIGHTS:
✅ Massive Drug… pic.twitter.com/IzWC3tzS6D
गिरोह की संरचना तीन स्तरों में थी:
- लेवल A: बड़े भंडारण और लॉजिस्टिक्स की ज़िम्मेदारी
- लेवल B: शहरवार वितरण और ग्राहक डाटाबेस प्रबंधन
- लेवल C: सड़क स्तर पर डिलीवरी
सभी डिलीवरी एनक्रिप्टेड व्हाट्सएप कॉल्स, लोकेशन पिंग्स, और ड्रेस कोड (चेक शर्ट, ब्लैक हेलमेट) के जरिए की जाती थीं। ड्रग्स की कीमत नकद में वसूली जाती थी और उसे हवाला नेटवर्क के माध्यम से विदेश भेजा जाता था।
इसके अलावा, यह गिरोह ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, मलेशिया और यूके जैसे देशों में MDMA जैसे सिंथेटिक ड्रग्स भी भेजता था। वे कपड़े और जूतों के पैकेट्स में नशे की गोलियां छुपाकर भेजते थे।
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- कमेनी फिलिप, मुख्य ऑपरेटर (कैमरून)
- गॉडविन जॉन उर्फ अडोर, गोदाम और नकद का प्रबंधन (नाइजीरिया)
- केलेची चिकवे उर्फ विक्टर, वसंत कुंज में डिलीवरी बॉय
- कोउलाई फिलिप उर्फ टॉल गाइ, फर्जी पासपोर्ट पर भारत में अवैध रूप से रह रहा था
- आईबे चिनेडु ऑस्टिन, नेटवर्क समन्वयक, ₹1 करोड़ मासिक बिक्री
पुलिस ने बताया कि गिरोह के कुछ वित्तीय और लॉजिस्टिक संचालक अब भी फरार हैं और जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे।