नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की है कि ऐसे वाहनों को जिनकी फिटनेस जांच में वे उत्तीर्ण होते हैं और जो प्रदूषण नहीं फैलाते, उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चलने की अनुमति मिलनी चाहिए, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर कोई वाहन प्रदूषण फैला रहा है, तो उसे भले ही केवल पांच साल पुराना क्यों न हो, हटाया जाना चाहिए। लेकिन अगर वह वाहन फिटनेस टेस्ट पास करता है और प्रदूषण नहीं करता, तो उस पर कोई उम्र सीमा नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके प्रदूषण नियंत्रण में विफल रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 29 अक्टूबर, 2018 के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है, जिसमें NGT के 2014 के निर्देश को बरकरार रखा गया था। यह निर्देश पुराने वाहनों को प्रतिबंधित करता है, चाहे वे प्रदूषण कर रहे हों या नहीं।
अब यह मामला 28 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश भूषण आर. गवई की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “दिल्ली में वही नियम होने चाहिए जो देश के अन्य हिस्सों में लागू होते हैं। हमारी सरकार पर्यावरण सुधार के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन सभी के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए।”
सरकार की याचिका में तर्क दिया गया है कि केवल वाहन की उम्र के आधार पर प्रतिबंध लगाने के बजाय, वैज्ञानिक तौर पर उत्सर्जन स्तर की जांच कर वाहन को चलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें उम्मीद है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष को गंभीरता से लेगा और जो वाहन प्रदूषण नहीं फैलाते, उन्हें सड़क पर चलने की अनुमति देगा।”