नई दिल्ली, 18 जून: दिल्ली में चिकित्सा पद्धति को नियंत्रित करने वाली स्वायत्त संस्था दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) को कथित अनियमितताओं के चलते भंग करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मंजूरी दे दी है। यह जानकारी मंगलवार को अधिकारियों ने दी।
साथ ही उपराज्यपाल ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि काउंसिल के पुनर्गठन की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए और इसे अगले दो महीनों के भीतर पूरा किया जाए।
दिल्ली मेडिकल काउंसिल का गठन चिकित्सकों की नैतिक जिम्मेदारियों की निगरानी और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने डीएमसी अधिनियम, 1997 की धारा 29 के तहत काउंसिल को एक निर्धारित अवधि के लिए भंग करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था।
सक्सेना ने विभाग को भेजे गए नोट में बताया कि DMC ने सरकार की मंजूरी के बिना अपने रजिस्ट्रार की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी थी और फिर 1 दिसंबर, 2024 से एक वर्ष का अतिरिक्त विस्तार भी दे दिया।
फरवरी में जारी एक कारण बताओ नोटिस के जवाब में DMC ने कहा था कि संबंधित अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन इसके कोई ठोस दस्तावेज या जानकारी साझा नहीं की गई।
सक्सेना ने कहा कि DMC ने अपने अधिकारों का “उल्लंघन” किया है और “दुरुपयोग” किया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव से सहमति जताते हुए काउंसिल को भंग करने की मंजूरी दे दी।
इसके अलावा, उपराज्यपाल ने निर्देश दिया कि काउंसिल के दो पदेन सदस्य अपनी भूमिका में बने रहेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (DGHS) को अंतरिम रजिस्ट्रार का कार्यभार सौंपा जाएगा।