नई दिल्ली: दिल्ली के शिक्षा मंत्री श्री आशिष सूद ने आज सर्वोदया कन्या विद्यालय, चिराग दिल्ली में नए शैक्षणिक सत्र के तहत आयोजित अभिविन्यास कार्यक्रम (ओरिएंटेशन) में भाग लिया। उन्होंने बच्चों और उनके माता-पिता से संवाद करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार हर बच्चे को समान, आधुनिक और प्रेरणादायक शिक्षा वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है
उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे सरकारी स्कूलों को कमतर न समझें और गर्व से अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाएं। “आपको गर्व होना चाहिए कि आपका बच्चा एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है। यह स्कूल निजी स्कूलों से किसी भी रूप में कम नहीं हैं,” उन्होंने कहा।
सूद ने कहा कि बच्चों के विकास की कहानी तभी शुरू होती है जब वे घर की सुरक्षित सीमा से बाहर आकर स्कूल में प्रवेश करते हैं। “आपको जानना चाहिए कि आपके बच्चे को स्कूल में कैसा वातावरण मिल रहा है, शिक्षक और स्टाफ कौन हैं, क्या वह सुरक्षित है — इन्हीं कारणों से हमने यह ओरिएंटेशन प्रोग्राम शुरू किया है,” उन्होंने बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि आज से 40 साल पहले, दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने डॉक्टर, इंजीनियर, IAS, अभिनेता और वैज्ञानिक तक तैयार किए हैं। आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इन स्कूलों में AI आधारित स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब्स, और तकनीकी शिक्षा का समावेश किया जा रहा है।

सूद ने छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं, SC-ST छात्रों को प्रोत्साहन, और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आर्थिक सहायता की भी जानकारी दी। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि “सरकार किसी भी बच्चे के विकास में संसाधनों की कमी नहीं होने देगी। कमजोर छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश के दौरान रेमेडियल कक्षाएं भी आयोजित की जाती हैं।”
उन्होंने बताया कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री खेल प्रोत्साहन योजना के तहत ओलंपिक और पैरालंपिक में स्वर्ण पदक विजेताओं को ₹7 करोड़, रजत के लिए ₹5 करोड़ और कांस्य के लिए ₹3 करोड़ की राशि प्रदान करेगी। एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भी उच्चतम पुरस्कार घोषित किए गए हैं — यह पूरे देश में सबसे बड़ा खेल प्रोत्साहन है।
शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों से कहा, “अब आपके जीवन में भी परिवर्तन की शुरुआत हो रही है। अब आपको भी बच्चे के साथ फिर से A-B-C याद करनी होगी। बच्चे के भविष्य को सँवारने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा।”
कार्यक्रम के अंत में मंत्री ने स्कूल परिसर में वृक्षारोपण किया और अपील की कि यह सिर्फ औपचारिकता न हो — इस पेड़ की रक्षा भी सभी मिलकर करें।