नई दिल्ली: दिल्ली के नांगल राया इलाके में हर रविवार को लगने वाला साप्ताहिक बाजार एमसीडी द्वारा अचानक हटाए जाने के फैसले के विरोध में सैकड़ों पटरी दुकानदार और बाजार संचालक बुधवार को सड़कों पर उतर आए। उनका कहना है कि यह फैसला स्थानीय विधायक के पत्र और कुछ लोगों की शिकायतों के बाद लिया गया है, जिसमें बाजार को खजान बस्ती में स्थानांतरित करने की बात कही गई है।
45 सालों से अधिक समय से यहां दुकान लगाने वाले दुकानदारों का कहना है कि यह बाजार उनकी आजीविका का एकमात्र सहारा है, और इस फैसले ने उन्हें रक्षाबंधन जैसे त्योहार के ऐन पहले गहरे संकट में डाल दिया है।
प्रेम प्रकाश, एक दुकानदार ने भावुक होते हुए कहा, “हमने रक्षाबंधन के लिए कर्ज लेकर माल खरीदा है। अगर बाजार हटा दिया गया तो हमारा सारा सामान बेकार चला जाएगा। हम प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी से अपील करते हैं कि हमारी रोज़ी-रोटी बचाई जाए।”
बाजार के प्रधान महावीर प्रसाद ने आरोप लगाया कि यह निर्णय कुछ प्रभावशाली लोगों के दवाब में लिया गया है, जबकि बाजार वर्षों से ट्रैफिक को बिना बाधित किए सुचारु रूप से चलता आ रहा है। “60 फुट की सड़क पर हम केवल 10 फुट जगह घेरे रहते हैं, ट्रैफिक कभी नहीं रोका गया। MCD ने खुद इसकी वीडियोग्राफी कराई है,” उन्होंने कहा।
राम प्रसाद त्रिवेदी, एक वरिष्ठ दुकानदार ने चेतावनी देते हुए कहा, “4000 दुकानदारों से करीब 10,000 परिवारों का पेट पलता है। अगर हम बेरोज़गार हो गए तो कई लोग मजबूरी में गलत रास्ता अपना सकते हैं। हमें मजबूर मत करो।”
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विक्रेताओं ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत ऋण मिला है और अगर बाजार नहीं लगा तो वह किससे चुकता करेंगे?
कई दुकानदारों ने कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो वे बाजार छोड़ने के बजाय वहीं धरना देकर बैठेंगे, लेकिन हटेंगे नहीं। उनका आरोप है कि खजान बस्ती जैसे इलाके में न तो सड़क है, न जगह, न सुरक्षा — ऐसे में वहां कारोबार करना संभव नहीं है।
इस फैसले के खिलाफ सभी दुकानदारों ने दिल्ली एलजी, मुख्यमंत्री केजरीवाल और प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।