नई दिल्ली: दिल्ली के मेयर सरदार राजा इकबाल सिंह ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी द्वारा एमसीडी की अनुसूचित जाति कल्याण और आरक्षण क्रियान्वयन से संबंधित एड-हॉक समिति को लेकर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने आप पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी देश की सबसे बड़ी एंटी-दलित पार्टी है, जिसने सत्ता में रहते हुए साढ़े दो साल तक इस समिति के गठन को रोके रखा।”
मेयर सिंह ने कहा, “अगर आप पार्टी को वाकई एड-हॉक समितियों की इतनी फिक्र थी, तो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इन्हें क्यों नहीं बनाया?”
उन्होंने आरोप लगाया कि आप पार्टी अब भी इस समिति के गठन को रोकना चाहती है और इसी मकसद से निराधार राजनीतिक आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, “आप पार्टी न तो कानून मानती है और न ही संविधान का सम्मान करती है। वह नियमों और कानून के तहत होने वाले कार्यों का लगातार विरोध करती है।”
मेयर ने बताया कि विशेष समितियों और एड-हॉक समितियों के गठन से जुड़ा प्रस्ताव नगर निगम की हाउस बैठक में नियमों के तहत पास किया गया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि आप पार्टी ने दलित आरक्षित मेयर चुनाव को जानबूझकर टालकर उस कार्यकाल को कम कर दिया जो दलित मेयर के लिए निर्धारित था।
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मेयर सिंह ने आप पार्टी पर काम में रोड़ा अटकाने की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “इनका एजेंडा सिर्फ इतना है — न खुद काम करेंगे, न दूसरों को करने देंगे।”
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उन्होंने यह भी कहा, “सत्ता में रहते हुए आप पार्टी ने कभी भी एड-हॉक और विशेष समितियों के गठन की अनुमति नहीं दी। उनका राजनीतिक दृष्टिकोण संविधान और नियमों के विरुद्ध है। आज वे सिर्फ झूठे आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें लोकतंत्र और कानून से कोई सरोकार नहीं।”