नई दिल्ली / पटना: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने दिल्ली से लेकर पटना तक राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बिहार सरकार में मंत्री और पांच बार के विधायक नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस फैसले को पार्टी में अगली पीढ़ी के नेतृत्व की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस नियुक्ति की औपचारिक घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति के जरिए की गई। प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड ने नितिन नबीन को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पद सीधे तौर पर भविष्य के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तैयारी माना जाता है, क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की एक निर्धारित चुनावी प्रक्रिया होती है। अतीत में भी अमित शाह जैसे नेताओं को पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक नितिन नबीन बिहार बीजेपी के सबसे तेजी से उभरते युवा नेताओं में गिने जाते हैं। वर्ष 1980 में जन्मे नितिन नवीन ने अब तक पांच विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। उन्होंने बिहार सरकार में पथ निर्माण और नगर विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाला है और संगठनात्मक मोर्चे पर छत्तीसगढ़ प्रभारी के रूप में भी प्रभावी भूमिका निभाई है।
हालांकि हाल के वर्षों में पार्टी के भीतर उनका कद लगातार बढ़ रहा था, लेकिन इस तरह की बड़ी जिम्मेदारी का अचानक ऐलान बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के लिए भी चौंकाने वाला रहा। दिल्ली और पटना दोनों ही जगहों पर नेताओं को पहले इस खबर की पुष्टि करनी पड़ी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह फैसला नितिन नबीन की संगठनात्मक समझ, प्रशासनिक अनुभव और भरोसेमंद कार्यशैली को देखते हुए लिया गया है। जातीय समीकरणों की चर्चाओं के बीच बीजेपी नेतृत्व का जोर इस बात पर है कि यह चयन प्रदर्शन और संगठन क्षमता के आधार पर किया गया है, न कि केवल सामाजिक समीकरणों के तहत।
इस नियुक्ति के साथ बीजेपी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी युवा और सक्षम नेतृत्व को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है, खासकर ऐसे समय में जब संगठनात्मक चुनाव और आगामी राजनीतिक चुनौतियां सामने हैं।

