नई दिल्ली / नोएडा बॉर्डर: दिल्ली–एनसीआर के बॉर्डर पर मंगलवार से BS-6 वाहन नियमों के सख्त अमल के बाद आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैध PUC (Pollution Under Control) सर्टिफिकेट होने के बावजूद BS-4 श्रेणी के वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
नोएडा–दिल्ली बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने स्पष्ट किया कि BS-6 से नीचे के, और गैर-दिल्ली पंजीकरण वाले वाहनों को अब दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, भले ही वाहन की हालत अच्छी हो या प्रदूषण प्रमाणपत्र वैध हो।
“PUC है, फिर भी क्यों रोका जा रहा है?” — वाहन चालकों का सवाल
एक महिला वाहन चालक, जो दिल्ली स्थित अपने कार्यालय जा रही थीं, ने बताया कि उनकी कार पूरी तरह चालू हालत में है, केवल 45,000 किलोमीटर चली है, और उनके पास वैध PUC भी है। बावजूद इसके उन्हें बॉर्डर से यू-टर्न लेकर वापस लौटने को मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा,
“अगर गाड़ी प्रदूषण फैला रही हो तो रोका जाए, लेकिन PUC क्लियर होने के बाद भी एंट्री नहीं देना समझ से बाहर है। सूचना पहले मिलती तो वैकल्पिक व्यवस्था कर लेते।”
अचानक लागू हुआ नियम, लोगों को नहीं मिली पूर्व जानकारी
कई वाहन चालकों का कहना है कि यह नियम अचानक लागू किया गया, जिससे रोज़ाना दिल्ली आने-जाने वाले कर्मचारियों, खासकर महिलाओं और ऑफिस-गोअर्स को दिक्कत हो रही है। मेट्रो पार्किंग की सीमित सुविधा और निजी वाहन पर निर्भर लोगों के लिए यह स्थिति और भी कठिन बन गई है।
पुलिस का पक्ष
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि
- BS-6 से नीचे के वाहन
- गैर-दिल्ली रजिस्टर्ड गाड़ियाँ
दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकतीं।
नियमों को ग्राउंड लेवल पर सख्ती से लागू किया जा रहा है और किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जा रही।
बड़ा सवाल
- जब PUC वैध है, तो एंट्री क्यों रोकी जा रही है?
- क्या आम नागरिकों को पर्याप्त पूर्व सूचना दी गई?
- क्या इस नियम का बोझ मध्यम वर्ग पर नहीं पड़ रहा?
फिलहाल, दिल्ली बॉर्डर से BS-4 वाहनों को लौटाया जा रहा है, और सैकड़ों लोग बिना ऑफिस पहुंचे ही घर वापस लौटने को मजबूर हैं।

