Delhi Diesel Vehicles: 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध हटाने की मांग, आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखा पत्र

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक कड़ा पत्र लिखते हुए 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को स्क्रैप करने की सरकार की योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की है। आतिशी ने इस नीति को “अविवेकपूर्ण और जनविरोधी” बताते हुए इसे लाखों आम नागरिकों के लिए नुकसानदायक बताया।

आतिशी ने चेतावनी दी कि 1 नवंबर से लागू होने वाला यह प्रतिबंध लगभग 60 लाख वाहनों को प्रभावित करेगा — जिनमें 20 लाख चारपहिया वाहन और 40 लाख दोपहिया वाहन शामिल हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 1 जुलाई को इसी तरह का प्रस्ताव जबरदस्त जनविरोध के कारण सरकार को वापस लेना पड़ा था।

“किसी वाहन की उम्र को प्रदूषण का एकमात्र मानदंड नहीं बनाया जा सकता,” आतिशी ने लिखा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई पुराने वाहन अच्छी स्थिति में हैं और प्रदूषण नहीं करते, जबकि कुछ नए वाहन खराब देखभाल के कारण अधिक प्रदूषण करते हैं। “इस नीति का असली लाभ सिर्फ कार निर्माता, डीलर और स्क्रैपर को होगा; आम आदमी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा,” उन्होंने जोड़ा।

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आतिशी ने मध्यवर्गीय परिवारों, महिला यात्रियों, और वरिष्ठ नागरिकों की दुश्वारियों को उजागर किया, जो रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इन्हीं पुराने वाहनों पर निर्भर रहते हैं। उन्होंने कहा कि एक झटके में लाखों वाहन हटाना सामाजिक और आर्थिक रूप से असंतुलन पैदा करेगा, और नई कार खरीदना अधिकांश लोगों के लिए संभव नहीं है।

वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की जरूरत को स्वीकार करते हुए भी, आतिशी ने इस पूर्ण प्रतिबंध की नीति को अव्यावहारिक और वैज्ञानिकता से परे बताया। उन्होंने मांग की कि दिल्ली सरकार विधानसभा में एक विधेयक लाकर अच्छी स्थिति वाले पुराने वाहनों को बचाने के लिए कानून बनाए।

उन्होंने कहा, “जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो यह कानून कुछ ही दिनों में पारित हो सकता है। जरूरत पड़े तो दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।”

पत्र के अंत में आतिशी ने आम आदमी पार्टी की ओर से सरकार को भरोसा दिलाया कि इस कानून को पारित करने में हरसंभव सहयोग दिया जाएगा, ताकि राष्ट्रीय राजधानी के लाखों लोगों को राहत मिल सके।

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