नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के जनकपुरी स्थित ‘छोटी सब्ज़ी मंडी’ मार्केट में नगर निगम (MCD) की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के दौरान रविवार को भारी अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कार्रवाई में दुकानों के बाहर लगे शेड, फड़/प्लेटफॉर्म और अस्थायी ढांचे हटाए गए, जिस पर व्यापारियों ने आरोप लगाया कि यह कदम बिना पूर्व सूचना/नोटिस उठाया गया।
व्यापारियों का कहना है कि दुकानों के बाहर लगाए गए शेड धूप-बारिश से बचाव और ग्राहकों की सुविधा के लिए थे, लेकिन निगम ने इन्हें “अतिक्रमण” बताकर तोड़ दिया। कार्रवाई के बाद मार्केट में टूटा-फूटा सामान और मलबा बिखरा पड़ा रहा, और कई दुकानदारों ने दावा किया कि इससे उनकी रोज़ी-रोटी पर सीधा असर पड़ेगा।

इस बीच, कार्रवाई के दौरान बिजली के खंभे गिरने की घटनाएं भी सामने आईं। व्यापारियों के मुताबिक, खंभे गिरने से तार नीचे लटक गए और बड़ा हादसा टल गया। कुछ दुकानदारों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली सप्लाई बंद किए बिना और पर्याप्त बैरिकेडिंग/भीड़ नियंत्रण किए बिना इस तरह की कार्रवाई जानलेवा जोखिम पैदा कर सकती है।
दुकानदारों ने मांग की कि निगम “अतिक्रमण” को लेकर स्पष्ट और एकसमान नीति बनाए—कितनी जगह तक शेड/छज्जा/एक्सटेंशन की अनुमति है, यह तय किया जाए, ताकि मार्केट में वर्षों से चले आ रहे ढांचे को अचानक हटाने से कारोबार और ग्राहकों—दोनों को नुकसान न हो।

नगर निगम की कार्रवाई का आधार बड़े पैमाने पर अतिक्रमण बताया जा रहा है। मौके पर पुलिस मौजूद होने की बात भी कही गई, हालांकि व्यापारियों ने यह सवाल उठाया कि घटना के दौरान कोई जनप्रतिनिधि मौके पर क्यों नहीं पहुंचा।
फिलहाल व्यापारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि गिरे खंभे, लटकते तार और मलबा जल्द हटाकर मार्केट को सामान्य किया जाए।

