नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस स्थित मोतीलाल नेहरू कॉलेज में देर रात भारी हंगामा देखने को मिला। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि छात्रसंघ चुनाव से पहले जानबूझकर 14 में से 13 नामांकन रद्द कर दिए गए और इसके पीछे 75% अटेंडेंस नियम का हवाला दिया गया।
छात्रों ने लगाया साजिश का आरोप, प्रिंसिपल की गाड़ी रोकी
आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज कैंपस में नारेबाजी की और प्रिंसिपल की गाड़ी के सामने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि यह कदम चुनाव में एक ही उम्मीदवार को निर्विरोध जीताने के लिए उठाया गया है।
एक छात्र ने कहा, “मैंने कॉलेज को वॉलीबॉल टूर्नामेंट में रिप्रेज़ेंट किया है, जिससे मेरी अटेंडेंस पूरी हो जाती है, लेकिन फिर भी मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया। वहीं, जो उम्मीदवार कक्षाओं में नहीं आता, उसे चुनाव लड़ने दिया जा रहा है।”

छात्रों और पुलिस में हल्की झड़प
स्थिति बिगड़ने पर दिल्ली पुलिस को कैंपस में तैनात किया गया, जिसके दौरान छात्रों और पुलिस के बीच हल्की झड़प हुई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिला छात्रों से धक्कामुक्की की और मौके पर कोई लेडी कांस्टेबल मौजूद नहीं थी।
कॉलेज प्रशासन चुप, पुलिस तैनात
छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने चुनाव से ठीक पहले नियम लागू कर नामांकन रद्द किए ताकि एक ही उम्मीदवार को निर्विरोध अध्यक्ष चुना जा सके। हालांकि, कॉलेज की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
फिलहाल, कैंपस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है और छात्र अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।
बड़ा सियासी संदर्भ
आने वाले दिनों में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मोतीलाल नेहरू कॉलेज का यह विवाद पारदर्शिता, निष्पक्षता और छात्र प्रतिनिधित्व को लेकर बड़ा मुद्दा बन गया है।