नई दिल्ली: दिल्ली के मुंडका इलाके में टोल टैक्स हटाने की मांग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। रविवार को हुई महापंचायत में 365 गांवों के प्रधान और हजारों ग्रामीणों ने सरकार को 20 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी दी गई है कि अगर तय समय तक टोल नहीं हटाया गया तो 21 सितंबर को ग्रामीण जेसीबी और ट्रैक्टर लेकर टोल उखाड़ फेंकेंगे और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि यह टोल ग्रामीण जीवन पर बोझ बन चुका है। एक मां को बेटे से मिलने जाने के लिए भी हर बार टोल टैक्स चुकाना पड़ता है। स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर आम ग्रामीणों तक सबको इसकी मार झेलनी पड़ रही है। पंचायत में मौजूद महिलाओं और बुजुर्गों ने भी टोल को “अन्यायपूर्ण कर” करार दिया।

महापंचायत में प्रधान सुरेंद्र सोलंकी ने साफ कहा:
“सरकार के पास 20 सितंबर तक का समय है। अगर इस तारीख तक हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 21 सितंबर को पूरा देहात जेसीबी और ट्रैक्टरों के साथ टोल हटाने के लिए सड़कों पर उतरेगा।”
इस आंदोलन को अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का भी समर्थन मिल चुका है। किसान नेताओं ने कहा कि जिस तरह तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, उसी तरह टोल टैक्स भी खत्म कराया जाएगा।

ग्रामीणों ने सरकार पर लापरवाही और विभागों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह दिल्ली का पहला टोल है, और अगर इसे जारी रखा गया तो अन्य रिंग रोड पर भी टोल लगाए जाएंगे, जिससे पूरा दिल्ली प्रभावित होगा।
अब सबकी नजरें 20 सितंबर की डेडलाइन पर टिकी हैं। अगर तब तक टोल टैक्स नहीं हटाया गया तो 21 सितंबर को मुंडका में बड़ा आंदोलन और टोल उखाड़ने की कार्रवाई देखने को मिल सकती है।