नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी बिजली अदालत ने बिजली चोरी के दो अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक पर ₹13 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। यह जानकारी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (Tata Power-DDL) ने सोमवार को दी।
पहला मामला दिल्ली के शालीमार बाग निवासी का है, जिसे बिजली मीटर से छेड़छाड़ कर व्यावसायिक स्थल पर ई-रिक्शा चार्जिंग के लिए अवैध रूप से बिजली उपयोग करने का दोषी पाया गया। जुलाई 2018 में टाटा पावर की प्रवर्तन टीम ने निरीक्षण के दौरान 18.045 किलोवाट का गैर-घरेलू लोड पकड़ा।
कोर्ट ने जांच के बाद आरोपी को इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 135 और 138 के तहत दोषी मानते हुए ₹13.56 लाख का नागरिक जुर्माना लगाया।
दूसरा मामला दिल्ली के मंगोलपुरी का है, जिसमें आरोपी को बिजली की सीधी चोरी करने के मामले में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। फरवरी 2017 की इस घटना में आरोपी ने घरेलू उपयोग और ई-रिक्शा चार्जिंग के लिए अवैध रूप से बिजली खपत की थी।
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“आरोपी ने बिजली चोरी को एक पारिवारिक सदस्य के नाम पर पंजीकृत मीटर के पीछे छुपाने की कोशिश की थी,” टाटा पावर-DDL के एक प्रवक्ता ने बताया। अदालत ने इस पर ₹13.78 लाख का जुर्माना लगाया और आरोपी को तुरंत हिरासत में लेने का आदेश दिया।
टाटा पावर-DDL के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक कंपनी के पक्ष में सात फैसले आ चुके हैं, और अन्य कई मामले अदालती प्रक्रिया में हैं।
एक अधिकारी ने कहा, “ये फैसले बिजली चोरी के खिलाफ हमारी सख्त नीति और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास को दर्शाते हैं।”