नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ‘बाबा किस्मतवाला’ नाम से चल रहे टेलीग्राम चैनल के जरिए दिल्लीवालों को ठग रहा था।
इस चैनल का मास्टरमाइंड निवास कुमार मंडल नाम का बीटेक ग्रेजुएट निकला, जिसने कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई और साइबर सिक्योरिटी में डिप्लोमा किया हुआ था।
ऐसे चलता था ‘बाबा किस्मतवाला’ ठगी का खेल
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह दिल्ली जल बोर्ड, बैंक और बीएसईएस के अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करता था।
फिर उन्हें एक फर्जी मोबाइल ऐप (APK फाइल) डाउनलोड करने के लिए कहता था।
जैसे ही पीड़ित लोग यह ऐप डाउनलोड करते, उनके मोबाइल का सारा डाटा — बैंक डिटेल्स, ओटीपी और कॉन्टैक्ट लिस्ट — गिरोह के पास पहुंच जाता था।
कुछ ही मिनटों में लोगों के बैंक अकाउंट खाली हो जाते थे।
“गिरोह के सदस्य बेहद चालाकी से लोगों को भरोसे में लेते थे। वे खुद को सरकारी या बैंक अधिकारी बताते थे,” एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया।
2 लाख की ठगी से शुरू हुई जांच, गिरोह गिरफ्तार
गिरोह ने दिल्ली के एक व्यक्ति से ₹2 लाख की ठगी की थी, जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि गिरोह झारखंड के जामताड़ा और पश्चिम बंगाल से ऑपरेट कर रहा था।
दिल्ली पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड निवास कुमार मंडल, उसके साथी प्रद्युमन कुमार मंडल और एक नाबालिग लड़के को गिरफ्तार किया है।
यह नाबालिग गिरोह का कॉलर था, जो लोगों से बात कर उन्हें झांसे में लेता था।
पुलिस ने इनके पास से 9 मोबाइल फोन, 5 एटीएम कार्ड, ₹47,000 नकद और एक आईपैड बरामद किया है।
2024 में बनाया था ‘बाबा किस्मतवाला’ चैनल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि निवास कुमार ने यह ‘बाबा किस्मतवाला’ टेलीग्राम चैनल 2024 में बनाया था,
जहां से वह लोगों का पर्सनल डाटा बेचता था और दूसरे ठग उस डाटा का इस्तेमाल कर कॉल करते थे।
“निवास तकनीकी रूप से बहुत शातिर था। उसने साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग का इस्तेमाल ठगी करने में किया,” पुलिस अधिकारी ने बताया।
दिल्ली पुलिस की एडवाइजरी: अनजान ऐप कभी डाउनलोड न करें
दिल्ली पुलिस ने जनता को सतर्क करते हुए कहा है —
“किसी भी सरकारी या बैंक अधिकारी की बातों में न आएं। अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहे, तो ऐसा बिल्कुल न करें। किसी संदिग्ध कॉल की तुरंत रिपोर्ट साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने में करें।”
जामताड़ा का साइबर नेटवर्क फिर हुआ बेनकाब
यह केस एक बार फिर साबित करता है कि झारखंड का जामताड़ा और पश्चिम बंगाल अब भी भारत का साइबर क्राइम हब बना हुआ है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के और भी सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
पुलिस का दावा है कि पूरा नेटवर्क जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा।

