नई दिल्ली: दिल्ली सरकार मंगलवार को एक अहम कैबिनेट बैठक आयोजित कर सकती है जिसमें बारापुल्ला फेज-3 एलिवेटेड रोड परियोजना में मध्यस्थता से हुए ₹300 करोड़ के नुकसान पर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने दी है।
इससे पहले जून में लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री परवेश वर्मा ने विभाग के ठेके शर्तों से मध्यस्थता क्लॉज हटाने की घोषणा की थी। इसके बाद भविष्य में PWD और निजी ठेकेदारों के बीच विवाद केवल अदालतों के माध्यम से सुलझाए जाएंगे, यानी मध्यस्थता का विकल्प समाप्त कर दिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बारापुल्ला फेज-3 परियोजना सबसे अहम मामलों में से एक है, जिसकी चर्चा इस कैबिनेट बैठक में हो सकती है।”
हालांकि मध्यस्थता क्लॉज का उद्देश्य विवादों को जल्दी सुलझाना था, लेकिन अधिकारियों के अनुसार, अधिकतर मामलों में इससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है।
PWD मंत्री वर्मा ने बताया कि बारापुल्ला फेज-3 परियोजना में PWD ने मध्यस्थता के आदेश के खिलाफ अपील नहीं की, जिसके चलते निजी कंपनी को ₹300 करोड़ का लाभ मिल गया।
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने भी पहले कहा था कि इस परियोजना में, ₹964 करोड़ के टेंडर के मुकाबले सरकार को ₹1,326.3 करोड़ तक भुगतान करना पड़ा, जो एक गंभीर लागत वृद्धि को दर्शाता है।
परियोजना लंबे समय से विलंब का शिकार है। इस समय पेड़ काटने की अनुमति का इंतजार है, जिसके बाद PWD का दावा है कि छह महीने के भीतर कार्य पूरा हो जाएगा।
लोक निर्माण विभाग पिछले कुछ वर्षों में कई कानूनी विवादों से जूझ रहा है, जिनमें ज़्यादातर ठेके की देरी और अनुमानित लागत से अधिक खर्च की वजह से हैं।
इस कैबिनेट बैठक में सरकारी ठेकों में सुधार और भविष्य में न्यायिक समाधान की नीति पर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, जिससे दिल्ली में सार्वजनिक अवसंरचना परियोजनाओं के क्रियान्वयन को नया स्वरूप मिल सकता है।