नई दिल्ली: सिविक सेंटर में आयोजित ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’ स्वच्छता अभियान की समीक्षा बैठक में दिल्ली के मेयर सरदार राजा इकबाल सिंह ने सफाई अभियान में जनता की कम भागीदारी पर असंतोष व्यक्त किया, हालांकि उन्होंने सभी जोनों के सफाई कर्मचारियों की अथक मेहनत की खुलकर सराहना की।
मेयर ने कहा कि सफाई कर्मचारी एमसीडी की रीढ़ हैं, जो हर परिस्थिति में लगातार काम कर दिल्ली को साफ-सुथरा बनाए रखने में लगे हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे भी सफाई कर्मचारियों का साथ दें, खासकर चल रहे स्वच्छता पखवाड़े (जो 2 अक्टूबर को समाप्त होगा) के दौरान।
जनभागीदारी है असली कुंजी
उपमहापौर जय भगवान यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत दिल्ली का सफाई अभियान जनभागीदारी और एमसीडी कर्मचारियों की मेहनत से सफल हुआ है।
स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्य शर्मा ने भी सफाई कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा,
“सफाई कर्मचारी ज़मीन पर पूरी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जब तक जनता सक्रिय रूप से भाग नहीं लेगी, तब तक सड़कों को कचरा मुक्त रखना मुश्किल है।”
वार्ड स्तर पर सख्त निर्देश
एमसीडी हाउस लीडर प्रवेश वाहि ने सभी जोनों के सफाई कर्मचारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक वार्ड में कम से कम 5 कचरा-प्रवण स्थानों की पहचान करें, ताकि अगले दो हफ्तों में 10,000 से अधिक गार्बेज पॉइंट्स को साफ किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन में सफाई व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
सफाई कर्मचारियों की सराहना
एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार ने कहा कि सफाई कर्मचारी झुग्गियों, रेलवे ट्रैक किनारे और जेजे क्लस्टर्स जैसे मुश्किल क्षेत्रों में भी लगातार काम कर रहे हैं। उनकी बदौलत दिल्ली की स्वच्छता व्यवस्था में बड़ा बदलाव दिख रहा है।
निष्कर्ष
मेयर के कड़े संदेश ने साफ कर दिया कि केवल सफाई कर्मचारियों की मेहनत काफी नहीं है, बल्कि जनभागीदारी ही दिल्ली को स्वच्छ और हरित बनाने का असली रास्ता है।