Delhi links factory licence to property tax portal: दिल्ली मेयर सरदार राजा इकबाल ने फैक्ट्री लाइसेंस को प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल से जोड़ा, शुल्क वार्षिक प्रॉपर्टी टैक्स का 5% तय

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नई दिल्ली: ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने फैक्ट्री लाइसेंस शुल्क मॉड्यूल को प्रॉपर्टी टैक्स पोर्टल से इंटीग्रेट कर दिया है। अब उद्योगों को दोनों प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।

सिविक सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मेयर सरदार राजा इकबाल सिंह ने इस पहल का शुभारंभ किया और इसे ‘इंस्पेक्टर राज’ खत्म करने की ऐतिहासिक पहल बताया। नई व्यवस्था के तहत, फैक्ट्री लाइसेंस शुल्क अब वार्षिक प्रॉपर्टी टैक्स का 5% होगा और दोनों का भुगतान एक ही पोर्टल पर किया जा सकेगा।

एक पोर्टल, दो सेवाएं

पहले फैक्ट्री लाइसेंस और प्रॉपर्टी टैक्स के लिए अलग-अलग पोर्टल और आवेदन की जरूरत होती थी। अब भुगतान होते ही फैक्ट्री लाइसेंस स्वतः जारी हो जाएगा और अलग से निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। पुनर्विकास या ‘कनफर्मिंग एरिया’ में स्थित इकाइयों को अब MSME रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र या GNCTD/DSIIDC द्वारा जारी पट्टा पत्र के आधार पर फैक्ट्री लाइसेंस मान्यता दी जाएगी।

नेताओं की प्रतिक्रिया

इस अवसर पर मेयर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा:
“फैक्ट्री लाइसेंस और प्रॉपर्टी टैक्स का एकीकरण न केवल उद्योगपतियों को राहत देगा बल्कि ‘इंस्पेक्टर राज’ समाप्त करने की ऐतिहासिक पहल भी साबित होगा। इससे उद्योगों को पारदर्शी, सरल और समयबद्ध प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।”

स्टैंडिंग कमेटी चेयरपर्सन सत्य शर्मा ने कहा कि यह कदम एमसीडी की दूरदर्शिता को दर्शाता है।
“अब उद्योगों को अलग-अलग प्रक्रियाओं और निरीक्षणों से नहीं गुजरना पड़ेगा। सिंगल पोर्टल से पारदर्शिता बढ़ेगी, समय की बचत होगी और उद्योगों को सुविधा मिलेगी।”

इस मौके पर डिप्टी मेयर जय भगवान यादव, हाउस लीडर प्रवेश वाहि, आयुक्त अश्विनी कुमार, अतिरिक्त आयुक्त वीर सिंह यादव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

उद्योग और राजस्व को बढ़ावा

नई व्यवस्था से उद्योगों का अनुपालन बोझ कम होगा, व्यापार संचालन सरल होगा और अनावश्यक निरीक्षणों से मुक्ति मिलेगी। अब औद्योगिक इकाइयों को केवल प्रदूषण, अग्नि सुरक्षा और अन्य अनिवार्य स्वीकृतियों का पालन करना होगा।

Also Read: Delhi Mayor Sardar Raja Iqbal Launches Integration of Factory License with Property Tax Portal; Fee Fixed at 5% of Annual Property Tax

वर्तमान में दिल्ली में लगभग 30,000 सक्रिय फैक्ट्री लाइसेंस हैं। अधिकारियों का अनुमान है कि इस नई प्रणाली से पंजीकृत इकाइयों की संख्या बढ़ेगी और एमसीडी का राजस्व भी मजबूत होगा।

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