नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में एमसीडी की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है।
नामांकन 3 नवंबर से शुरू होंगे, 30 नवंबर को वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
यह उपचुनाव दिल्ली की राजनीति के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि यह भाजपा के लिए सत्ता में आने के बाद का पहला बड़ा चुनावी टेस्ट होगा।
करीब 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा ने सत्ता संभाली है, ऐसे में पार्टी के लिए यह चुनाव “परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड” साबित हो सकता है।
भाजपा की रणनीति: काम के दम पर वोट मांगेगी पार्टी
भाजपा इस उपचुनाव में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आठ महीनों के कामकाज को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाएगी।
पार्टी की रणनीति साफ है — जनता के बीच जाकर अपने कामों को प्रचारित करना।
भाजपा की योजना है कि वह यमुना सफाई अभियान, आयुष्मान भारत योजना के लाभ, और छठ पूजा जैसे आयोजनों को जनता के सामने पेश करेगी।
इन्हीं उपलब्धियों के जरिए पार्टी मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेगी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा —
“निगम उपचुनावों का परिणाम एकतरफा भाजपा के पक्ष में रहेगा। दिल्ली के नागरिकों ने देखा है कि ट्रिपल इंजन सरकार (केंद्र, राज्य और एमसीडी) बनने के बाद राजधानी में विकास और प्रशासनिक सुधार किस स्तर पर हुए हैं।”
भाजपा के सामने बड़ी चुनौतियां भी कम नहीं
भाजपा आत्मविश्वास से भरी जरूर है, लेकिन उसके सामने कई चुनौतियां भी हैं।
पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए कई वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं —
जैसे होली-दिवाली पर मुफ्त गैस सिलेंडर, और महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह देने का वादा।
साथ ही, दिल्ली के कई इलाकों में गंदगी और कचरे की समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है, जो निगम चुनावों में भाजपा के लिए बड़ी एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर बन सकती है।
शालीमार बाग से रेखा गुप्ता की अग्निपरीक्षा
यह चुनाव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के लिए भी पहली बड़ी राजनीतिक परीक्षा माना जा रहा है।
शालीमार बाग वार्ड, जहां से वह पहले पार्षद थीं, अब उपचुनावों में केंद्र बिंदु बन गया है।
“यह पूरा चुनाव रेखा गुप्ता के नाम और उनकी लीडरशिप पर लड़ा जाएगा,” भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा।
AAP और कांग्रेस की रणनीति: पुराना मैदान वापस पाने की कोशिश
जहां भाजपा सत्ता बचाने में जुटी है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस इन उपचुनावों को वापसी का मौका मान रही हैं।
12 वार्डों में से 9 सीटें भाजपा के पास थीं, जबकि 3 सीटें AAP के पास थीं।
भाजपा का लक्ष्य है कि वह अपनी 9 सीटें बरकरार रखे और साथ ही AAP के कब्जे वाली कुछ सीटें भी अपने नाम करे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित रहेगा —
कचरा प्रबंधन, सफाई व्यवस्था, और स्थानीय विकास कार्य जैसे विषय निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
चुनाव की प्रमुख तारीखें:
- नामांकन शुरू: 3 नवंबर 2025
- वोटिंग: 30 नवंबर 2025
- नतीजे: 3 दिसंबर 2025

