Delhi Asola Bhatti Wildlife Sanctuary: दिल्ली के असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य में दुर्लभ कछुए का बच्चा दिखाई दिया, संरक्षण प्रयासों को मिली बड़ी सफलता

Date:

नई दिल्ली: दिल्ली के तुग़लक़ाबाद स्थित असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य (Asola Bhatti Wildlife Sanctuary) से वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक अहम सफलता सामने आई है। यहां के टर्टल पॉन्ड में एक इंडियन फ्लैपशेल कछुए का बच्चा देखा गया है — जो कछुओं के प्रजनन में सुधार और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा:

“दिल्ली के वन्य हृदय से उत्साहजनक संकेत। असोला भट्टी के टर्टल पॉन्ड में कछुए के बच्चे की उपस्थिति हमारे संरक्षण प्रयासों में एक बड़ी उपलब्धि है। इस सीज़न में सफल प्रजनन हमारे पर्यावरणीय सुधारों का परिणाम है।”

इंडियन फ्लैपशेल टर्टल, जो IUCN की रेड लिस्ट में ‘संकटग्रस्त’ श्रेणी में है, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के तहत संरक्षित प्रजातियों में शामिल है।

अभयारण्य द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि हाल के पारिस्थितिकीय सुधारों के चलते टर्टल पॉन्ड में अंडों का सफल तरीके से सेना और बच्चों का विकास देखा गया है। यह इलाका अरावली की जैव विविधता से समृद्ध है।

मुख्य सुधार कार्यों में शामिल हैं:

  • कछुओं के लिए प्राकृतिक अंडा देने के लिए रेतीले क्षेत्र का निर्माण
  • सूखे मौसम में जल स्तर बनाए रखना
  • बास्किंग स्टोन्स का उपयोग ताकि कछुए धूप सेंक सकें
  • जल-घास और ढलानदार किनारे ताकि कछुए आसानी से घूम सकें
  • घने पौधों की हरियाली और प्राकृतिक जैविक प्रणाली का निर्माण

अधिकारियों के अनुसार, इन प्रयासों ने कछुओं के प्रजनन और प्राकृतिक व्यवहार को समर्थन दिया है। अब यह रेस्क्यू सेंटर शहरी क्षेत्र में कछुओं के पुनर्वास का आदर्श मॉडल बन चुका है।

Also Read: Delhi’s Asola Bhatti Wildlife Sanctuary Records Rare Turtle Hatchling, Boosts Conservation Efforts

बयान में यह भी बताया गया कि असोला भट्टी का यह प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर कछुओं के संरक्षण और जैव विविधता प्रबंधन के लिए एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Popular

More like this
Related