नई दिल्ली: पर्यटन और स्वरोज़गार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सरकार एक बार फिर से ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट (Bed and Breakfast)’ योजना को शुरू करने की तैयारी कर रही है। यह योजना वर्ष 2007 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई थी, लेकिन बाद में कई खामियों के चलते इसे बंद कर दिया गया था।
नई सरकार इस योजना को नए सिरे से लागू करने पर विचार कर रही है, ताकि दिल्ली में घरेलू स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिले और लोगों को अपने घरों को होम स्टे में बदलकर आर्थिक मज़बूती हासिल करने का अवसर मिले।
2007 में शुरू हुई थी ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट’ योजना
इस योजना के तहत दिल्ली सरकार ने नागरिकों को अपने घरों के कमरों को पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी, ताकि दिल्ली आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को किफायती दरों पर रहने और घर का बना भोजन मिल सके।
साल 2023 तक इस योजना के तहत 432 घरों का पंजीकरण किया गया था। हालांकि, प्रशासनिक खामियों और निगरानी की कमी के कारण योजना को रोक दिया गया।
गोवा मॉडल पर काम करेगी रेखा सरकार
दिल्ली सरकार अब इस योजना को गोवा के सफल होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट मॉडल के आधार पर दोबारा शुरू करने की तैयारी कर रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम गोवा की बेड एंड ब्रेकफास्ट नीति का अध्ययन कर रहे हैं ताकि उसके सफल तत्वों को दिल्ली में लागू किया जा सके।”
गोवा में इस योजना के तहत महिलाओं को विशेष बढ़ावा दिया गया है। वहां ₹1 लाख की वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, मार्केटिंग सहायता और टूरिज्म मेलों में रियायती भागीदारी दी जाती है। इस योजना से गोवा की महिलाएं आर्थिक रूप से मज़बूत हुई हैं और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
दिल्ली में बढ़ेगा पर्यटन और रोज़गार
चूंकि दिल्ली देश और विदेश से आने वाले लाखों पर्यटकों का केंद्र है, ऐसे में इस योजना के दोबारा शुरू होने से राजधानी में टूरिज्म सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और नागरिकों को अतिरिक्त आय और स्वरोज़गार के अवसर मिलेंगे।
रेखा सरकार का मानना है कि यह योजना पर्यटन को सस्ती और सुलभ दिशा देने के साथ-साथ महिलाओं और छोटे उद्यमियों के लिए नया मंच तैयार करेगी।
फिलहाल यह प्रस्ताव समीक्षा के दौर में है और उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में इसके नई गाइडलाइन्स और वित्तीय सहायता ढांचे को अंतिम रूप दिया जाएगा।

