नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक नरेश बाल्यान को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश दिग विजय सिंह ने राहत देने के लिए अपर्याप्त आधारों का हवाला देते हुए मंगलवार को बाल्यान की जमानत याचिका खारिज कर दी। यह दूसरी बार है जब बाल्यान ने इस विशेष मामले में जमानत मांगी है।
कार्यवाही के दौरान, बाल्यान जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत के सामने पेश हुए। दिल्ली पुलिस ने 1 मई को उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें मामले में उनकी संलिप्तता का विवरण दिया गया।
पूरक आरोपपत्र में तीन अन्य व्यक्तियों- साहिल उर्फ पोली, विजय उर्फ कालू और ज्योति प्रकाश उर्फ बाबा को भी मकोका की गंभीर धाराओं के तहत आरोपित किया गया है। सभी आरोपी कथित तौर पर गैंगस्टर कपिल सांगवान, जिसे नंदू के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा संचालित एक संगठित अपराध सिंडिकेट से जुड़े हैं।
बालियान को पिछले साल 4 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उन्हें पहले ही एक अलग जबरन वसूली मामले में जमानत मिल चुकी थी। हालांकि, 15 जनवरी को अदालत ने इस मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया कि जांच अभी एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और कहा कि जमानत देने से जांच की अखंडता को खतरा हो सकता है।