नई दिल्ली: राजधानी में मेट्रो पिलर्स पर चिपकाए जा रहे पोस्टर्स और विज्ञापनों पर अब सरकार ने सख्त कार्रवाई का फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अब कोई भी व्यक्ति दिल्ली मेट्रो के पिलर या DMRC संपत्ति पर पोस्टर चिपकाते हुए पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सीधा FIR दर्ज की जाएगी।
सरकार का कहना है कि यह पोस्टर न सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति को खराब करते हैं, बल्कि शहर में गंदगी बढ़ाते हैं और दिल्ली की सूरत बिगाड़ते हैं।
मेट्रो पिलर्स पर कार्रवाई क्यों?
दिल्ली मेट्रो देश की सबसे व्यस्त मेट्रो सेवाओं में से एक है। लाखों यात्री रोजाना सफर करते हैं।
इसके एलिवेटेड कॉरिडोर के पिलर्स लंबे समय से—
- अवैध विज्ञापन
- प्रचार पोस्टर
- प्रमोशनल स्टिकर्स से ढके रहते हैं।
सोशल मीडिया पर भी ऐसी तस्वीरें लगातार वायरल होती रही हैं, जिन्हें देखते ही यह लगता है कि शहर की खूबसूरती पर भारी असर पड़ रहा है।
DMRC की चिट्ठी के बाद FIR होगी
DMRC के मुख्य सुरक्षा आयुक्त सुशीष चौधरी ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि—
- मेट्रो संपत्ति पर पोस्टर लगाने वाले व्यक्तियों पर
- DMRC की शिकायत के आधार पर
- तुरंत FIR दर्ज की जाए।
यह कार्रवाई दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 2007 के तहत की जाएगी। इस कानून में—
- 1 साल की सजा,
- जुर्माना,
- या दोनों का प्रावधान है।
रेखा सरकार का साफ आदेश
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी पार्टी के नेताओं को भी निर्देश दिया है कि—
- किसी भी सरकारी, सार्वजनिक या मेट्रो संपत्ति पर कोई पोस्टर नहीं लगाया जाए,
- खासकर राजनीतिक पोस्टर बिल्कुल नहीं।
उल्लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
साफ-सफाई और प्रदूषण नियंत्रण दोनों उद्देश्य
सरकार का कहना है कि पोस्टर्स हटाने से—
- दीवारों व पिलर्स पर धूल और कचरा कम जमा होता है,
- एस्थेटिक्स सुधरते हैं,
- और इससे प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलती है।
दिल्ली में लगातार AQI खराब हो रहा है। ऐसे में किसी भी प्रकार की गंदगी या अवैध प्रचार सामग्री पर सख्ती जरूरी है।
जनता से अपील
सरकार ने नागरिकों और व्यापारियों से अपील की है कि—
मेट्रो पिलर्स पर किसी भी प्रकार का पोस्टर या स्टिकर न लगाएं,
क्योंकि अब यह अपराध की श्रेणी में आएगा।

