नई दिल्ली: भारतीय सेना की ओर से ADG PI (@adgpi) ने सोमवार को जानकारी दी कि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मेजर बछवाला रोहित को उनकी निस्वार्थ सेवा और असाधारण चिकित्सकीय दक्षता के लिए सम्मानित किया है।
यह घटना 5 जुलाई 2025 की है, जब मेजर रोहित झांसी स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल से छुट्टी पर हैदराबाद जा रहे थे। उसी दौरान झांसी रेलवे स्टेशन पर उन्होंने एक महिला को लिफ्ट के पास जमीन पर गिरी हुई और प्रसव पीड़ा में देखा।
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बिना किसी मेडिकल सुविधा के, मेजर रोहित ने अपनी चिकित्सकीय समझ और हिम्मत का परिचय देते हुए, प्लेटफॉर्म पर ही महिला की आपातकालीन डिलीवरी कराई। उन्होंने एक तौलिया, चाकू और हेयर क्लिप्स जैसी सीमित संसाधनों की मदद से यह कार्य अंजाम दिया।

नवजात शिशु जन्म के समय अचेत था, लेकिन मेजर रोहित ने उसे सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया। इसके बाद जब महिला को प्लेसेंटा से जुड़ी जटिलताएं हुईं, तो उन्होंने मौजूदा सुरक्षात्मक उपायों और अपने अनुभव से स्थिति को नियंत्रित किया।
बाद में मां और बच्चे को स्थिर स्थिति में एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया।

ADG PI के अनुसार, मेजर रोहित की तत्काल निर्णय लेने की क्षमता, तनावपूर्ण परिस्थितियों में शांति बनाए रखना और सेना के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इस घटना में स्पष्ट रूप से झलकती है। यह एक असाधारण उदाहरण है कि कैसे सेना के जवान ड्यूटी से परे जाकर मानवता की सेवा करते हैं।