नई दिल्ली: दिवाली के जश्न के बीच दिल्ली के अस्पतालों में जलने के मामलों में भारी इजाफा देखा गया। राजधानी में 250 से अधिक लोग झुलस गए, जिनमें ज्यादातर मामले पटाखों और दीयों से जलने के हैं।
सफदरजंग अस्पताल, जो देश का सबसे बड़ा बर्न यूनिट रखता है, में 129 केस दर्ज हुए, जो कि सबसे ज्यादा हैं। इसके अलावा एम्स (55 केस), जीटीबी अस्पताल (37 केस), डीडीयू अस्पताल (16 केस) और एलएनजेपी अस्पताल (15 केस) में भी बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे।
सफदरजंग अस्पताल की बर्न्स, प्लास्टिक और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग की प्रमुख डॉ. सुजाता सराभाई ने बताया,
“19 और 20 अक्टूबर को अस्पताल में कुल 129 जलने के मामले आए, जिनमें 111 मामूली थे और उन्हें ओपीडी में इलाज देकर भेजा गया। 18 मरीज गंभीर रूप से झुलसे थे जिन्हें भर्ती किया गया। इनमें से 118 लोग पटाखों से और 11 लोग दीयों से झुलसे। 24 बच्चे 12 साल से कम उम्र के थे।”
एम्स में 55 जलने के केस दर्ज हुए, जिनमें से 10 मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा।
विभाग प्रमुख डॉ. मनीष सिंगल ने कहा,
“हमने 23 मरीजों की सर्जरी की। 42 केस पटाखों से, तीन दीयों से और नौ केस रासायनिक पदार्थ (पोटाश) से जलने के थे। सबसे छोटा पीड़ित मात्र चार महीने का बच्चा था।”
पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 37 मामले दर्ज हुए, जिनमें सात मरीज अब भी भर्ती हैं, हालांकि कोई गंभीर हालत में नहीं है। अस्पताल में एक व्यक्ति को मृत अवस्था में भी लाया गया था।
एलएनजेपी अस्पताल में 15 जलने के मरीज पहुंचे, जिनमें से केवल एक को चेहरे पर जलन थी। बाकी मामूली जले थे। वहीं डीडीयू अस्पताल में 16 केस दर्ज हुए, जिनमें तीन दिवाली से एक दिन पहले और 13 दिवाली के दिन आए, लेकिन कोई भी गंभीर नहीं था।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे त्योहारी सीजन में पटाखों को सावधानी से जलाएं और सुरक्षा नियमों का पालन करें ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके।

