नई दिल्ली: दिल्ली में हुए लाल किला धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। इसी बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने बड़ा कदम उठाते हुए लाल किला तीन दिन के लिए बंद करने का फैसला लिया है।
एएसआई के अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय सुरक्षा और फॉरेंसिक जांच के मद्देनज़र लिया गया है। धमाका स्थल लाल किला के मुख्य द्वार और मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 और 4 के बेहद पास था, इसलिए भीड़ से बचने और सबूत इकट्ठा करने के लिए स्मारक को अस्थायी रूप से बंद रखा जाएगा।
एएसआई ने बताया कि फिलहाल देशी और विदेशी पर्यटकों की एंट्री रोक दी गई है, और लाल किला परिसर के पार्किंग क्षेत्र को भी सील कर दिया गया है। केवल सरकारी और जांच एजेंसियों के वाहनों को ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है।
एनएसजी, सीआईएसएफ, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच, एफएसएल और एनआईए की टीमें लगातार स्थल का निरीक्षण कर रही हैं और सभी सबूतों, मलबे और सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच कर रही हैं।
उधर, जांच का दायरा अब दिल्ली से बाहर बढ़ गया है। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में ध्वज गांव और फतेहपुर टगा गांव में एनआईए और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीमों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।
सूत्रों के मुताबिक, यहां से अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक केमिकल्स बरामद किए गए हैं। साथ ही, फरीदाबाद के अल-फलाह कॉलेज में भी छानबीन चल रही है। यही कॉलेज डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन और डॉ. उमर से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है — जिन पर विस्फोटक सामग्री की साजिश का शक है।
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फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल के ठिकानों से हाल ही में 2,900 से अधिक विस्फोटक डेटोनेटर बरामद हुए थे। अब जांच एजेंसियां लाल किला धमाके, फरीदाबाद के विस्फोटक मॉड्यूल और जम्मू-कश्मीर कनेक्शन के बीच कड़ी जोड़ने में जुटी हैं।
दिल्ली में 2011 के हाईकोर्ट ब्लास्ट के बाद यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड और नेटवर्क की तलाश में लगातार काम कर रही हैं।

