नई दिल्ली: यूएस-इंडिया बिज़नेस काउंसिल (USIBC) ने यूएस-इंडिया एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की शुरुआत की है, जो कृषि क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और द्विपक्षीय व्यापार को तेज करने के लिए एक नया मंच है। यह घोषणा आयोवा की गवर्नर किम रेनॉल्ड्स और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन के दौरान हुई। इस पहल ने भारत और आयोवा के बीच सतत कृषि और एग्री-टेक सहयोग पर जोर दिया।
इस अवसर पर यूएसआईबीसी के प्रबंध निदेशक राहुल शर्मा ने कहा, “यूएस-इंडिया एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप नवीकरणीय ईंधन, खाद्य सुरक्षा और प्रिसिजन फार्मिंग जैसे क्षेत्रों में नवाचार को आगे बढ़ाने वाला उत्प्रेरक साबित होगा और हमारे साझा कृषि भविष्य की नींव को मजबूत करेगा।”
गवर्नर रेनॉल्ड्स ने भारत के साथ सतत कृषि और तकनीकी नवाचार के प्रति आयोवा की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह वर्किंग ग्रुप द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा।
यह गोलमेज सम्मेलन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और यूएस सोयाबीन एक्सपोर्ट काउंसिल (USSEC) के सहयोग से आयोजित हुआ, जबकि ग्रांट थॉर्नटन ज्ञान साझेदार के रूप में जुड़ा। पहल का फोकस पुनर्जनन कृषि, एआई-आधारित खेती समाधान और 4F फ्रेमवर्क—फूड, फीडस्टॉक, फॉडर और फ्यूल पर होगा। इसके अलावा यह नीति समन्वय, निवेश अवसर और सीमा-पार साझेदारी को भी प्रोत्साहित करेगा।
इस लॉन्च के साथ, यूएसआईबीसी ने कृषि को यूएस-इंडिया रणनीतिक साझेदारी का एक अहम स्तंभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकारों, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़कर यह पहल नवाचार, सतत विकास और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।