नई दिल्ली: दिल्ली में मंगलवार से पुराने वाहनों पर पेट्रोल-डीजल भरवाने पर प्रतिबंध लागू हो गया। इस अभियान के पहले दिन 24 पुराने वाहनों को जब्त किया गया और कुल 98 उल्लंघन सामने आए, जिनमें से 80 को नोटिस जारी किए गए। यह कार्रवाई वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश पर की गई है।
नियमों के अनुसार, अब 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों (एंड-ऑफ-लाइफ/ELV) को दिल्ली के किसी भी पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के 2014 के आदेश के तहत यह कदम उठाया गया है।
दिल्ली परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और एमसीडी की संयुक्त टीमों ने राजधानी भर में निरीक्षण अभियान चलाया। 98 वाहनों की पहचान की गई, जिनमें से 45 को परिवहन विभाग, 34 को दिल्ली पुलिस और 1 को एमसीडी ने नोटिस जारी किया।
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रोहिणी, लुटियंस दिल्ली, मोती बाग और धौला कुआं सहित कई पेट्रोल पंपों पर अधिकारियों की तैनाती के साथ बैनर लगाए गए थे और स्टाफ को पूर्व प्रशिक्षण दिया गया था। मोती बाग स्थित एक आईओसीएल स्टेशन के मैनेजर ने बताया कि “हमने पूरी तैयारी की थी, सभी निर्देशों का पालन हुआ।”
हालांकि, कुछ तकनीकी दिक्कतें भी सामने आईं — जैसे पूसा रोड स्थित पंप पर एक सही गाड़ी को गलती से ओवरएज बताया गया, लेकिन दस्तावेज जांच के बाद उसे जाने दिया गया।
विकास पुरी के वैभव फ्यूल स्टेशन पर एक पुराना वाहन पेट्रोल भरवाने आया लेकिन नियम समझाए जाने के बाद उसने सीएनजी भरवा ली, जो वर्तमान प्रतिबंध में छूट है।
ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त अजय चौधरी ने कहा, “इस अभियान का मकसद दिल्ली को प्रदूषण से राहत देना है। 1 नवंबर से यह नियम दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी लागू होगा।” उन्होंने बताया कि जब्त किए गए वाहन 15 दिनों में स्क्रैप यार्ड से छुड़ाए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए जुर्माना अदा कर, NOC लेकर किसी अन्य राज्य में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सरकार ने कई पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) कैमरे भी लगाए हैं, जो पुराने वाहनों की पहचान करने में मदद करेंगे। हालांकि अधिकारियों ने स्वीकार किया कि शुरुआती दिन में तकनीकी खामियों से बचाव के लिए सिस्टम को और मजबूत करने की ज़रूरत है।
इस अभियान को लेकर आम जनता ने सहयोग दिखाया, लेकिन प्रशासन के लिए अब भी चुनौती तकनीकी त्रुटियों को दूर करना और सुनिश्चित करना है कि कोई वैध वाहन गलत तरीके से चिह्नित न हो।