Why did Prime Minister Narendra Modi not attend Delhi’s Chhath Puja?: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की छठ पूजा में क्यों नहीं की शिरकत? ‘नकली यमुना घाट’ विवाद ने मचाया सियासी तूफान

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आप ने लगाया बड़ा आरोप — पीएम मोदी ने ‘फेक यमुना घाट’ विवाद के बाद कार्यक्रम रद्द किया; भाजपा बोली – “छठ हमारी आस्था है, राजनीति नहीं।”

नई दिल्ली: दिल्ली में इस बार छठ महापर्व के समापन के साथ ही ‘फेक यमुना घाट’ को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छठ पूजा में शामिल न होने के पीछे की वजह अब बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई है।

आम आदमी पार्टी (AAP) का आरोप है कि पीएम मोदी ने अपनी यात्रा रद्द कर दी, क्योंकि दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार (भाजपा) ने एक “नकली यमुना घाट” तैयार किया था, जिसमें यमुना का नहीं बल्कि सोनिया विहार ट्रीटमेंट प्लांट से लाया गया फिल्टर्ड गंगा जल भरा गया था।

आप के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा—

“यह यमुना नहीं, गंगा का फिल्टर्ड पानी है। भाजपा ने जनता और प्रधानमंत्री दोनों को धोखा देने के लिए नकली घाट बनाया।”

Why did Prime Minister Narendra Modi not attend Delhi's Chhath Puja? The 'fake Yamuna ghat' controversy has sparked a political storm

आप का दावा है कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम आखिरी समय पर रद्द हुआ क्योंकि सोशल मीडिया पर सच्चाई उजागर हो गई

“जब वीडियो वायरल हुआ, तो पीएमओ के पास कार्यक्रम रद्द करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा,” भारद्वाज ने कहा।

भाजपा का पलटवार: “छठ हमारी आस्था का पर्व है, राजनीति नहीं”

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आप “आस्था को राजनीति में घसीट रही है।”

“सिर्फ आठ महीने में हमने यमुना को इतना स्वच्छ किया है कि लोग वहां पूजा कर सकें। हमारे लिए छठ आस्था का विषय है, राजनीति का नहीं,” उन्होंने कहा।

सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर भी निशाना साधा —

“जब दिल्ली में आप की सरकार थी, तब पूर्वांचल के लोगों को छठ पूजा करने की अनुमति नहीं दी जाती थी। अब जब लोग अपनी आस्था निभा रहे हैं, तो आप झूठ फैलाने में लगी है।”

भाजपा का कहना है कि वासुदेव घाट पर दिखाई गई मिट्टी की दीवार पहले से मौजूद थी, और यह नदी किनारे की सामान्य मरम्मत का हिस्सा थी।

क्या पीएम मोदी ने ‘राजनीतिक जोखिम’ से बचने के लिए दूरी बनाई?

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की टीम ने पहले से स्थल का निरीक्षण और सुरक्षा जांच पूरी कर ली थी। लेकिन जैसे ही “नकली यमुना” विवाद सोशल मीडिया पर छा गया, कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला लिया गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार चुनावों से ठीक पहले, जब छठ पर्व का भावनात्मक महत्व सबसे अधिक होता है, प्रधानमंत्री का “कृत्रिम घाट” पर जाना राजनीतिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता था

इसलिए जो कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता और धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक बनने वाला था, वह राजनीतिक विवाद के डर से टल गया।

आस्था बनाम छवि की जंग

यह विवाद दिखाता है कि आज आस्था, पर्यावरण और राजनीति — तीनों का संगम दिल्ली की सियासत में किस तरह हो रहा है।
भाजपा इसे अपनी उपलब्धि बताकर जनता से जुड़ना चाहती है, जबकि आप इसे सत्य और पारदर्शिता की लड़ाई बता रही है।

अंततः सवाल वही है —

“क्या प्रधानमंत्री ने राजनीतिक विवाद से बचने के लिए दिल्ली की छठ पूजा से दूरी बनाई?”

Also Read: Why Prime Minister Narendra Modi Skipped Delhi’s Chhath Puja: Inside the ‘Fake Yamuna’ Controversy That Rocked the Capital

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